Tuesday, March 20, 2012

तुम्हें कुछ कहना
या चुप रहना
एक जैसी बातें हैं .....
 
दिल कहता है,
तुम्हारी खामोशी का इंतज़ार कर लूं ...
या फिर कुछ यूं ही कह दूं .....
और हमेशा की तरह
झिड़क के तुम
खामोश कर दो ............
 
बस ..............

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