Friday, December 17, 2010

प्यार है शायद ....

सो जाता हूँ ख्वाब में तुम होते हो,
चाहे चला जहाँ भी जाऊं, साथ तुम होते हो ...
रात ढलते ही आखें खुलती हैं, तुम दूर चले जाते हो,
पर जाने क्यूँ दूर जाके भी पास तुम होते हो ....
हर जगह मेरे साथ चलते हो, देखता हूँ मैं जिधर भी,
बस तुम ही तुम, बस तुम ही तुम नज़र आते हो .....
ये प्यार है शायद, हाँ प्यार ही तो है,
इन साँसों में, इस धरकन में, हर इक एहसास में बस तुम होते हो ....

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