Friday, January 14, 2011

इक ख्वाब ......

यूं दिल में उतर आना
सब छोड़ के बस चले जाना
मुड़ के देखना और फिर
दौड़ के बाहों में लिपट जाना
यूं टूक से घूरना
फिर पलकें झुकाना
एक गहरी सांस लेकर
इन बांहों में सिमट आना
सुंदर है ये ख्वाब
तेरा आना, आकर चले जाना

..................... Gunjan Jha on Thursday, January 13, 2011 at 6:37am

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